Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

हरीतिमा हरियाली

हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास
नयनों को अति भा रहा यह नजराना खास
पेड़ों की हरी पत्तियांँ लहराते ऊंचे-ऊँचे बाँस
प्रकृति के आनंद को लेने करते रहें प्रयास

प्रकृति की अनुपम छटा बिखरी आसपास
कोयल और पपीहा की धुन आ रही रास
काली घटायें देखकर मोर नाच रहे वनों में
दादुर लगे टर्राने जल भरे खेत खलिहानों में

वन उपवन में खिले हुए हैं रंग-बिरंगे फूल
भंवरे उन पर घूम रहे लेने पराग की धूल
ओम् ओम् की ध्वनि गूँज रही चहुँ ओर
पंछियों के कलरव का फैल रहा मधुर शोर

ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्यप्रदेश

Language: Hindi
23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओमप्रकाश भारती *ओम्*
View all
You may also like:
हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
परीक्षा है सर पर..!
परीक्षा है सर पर..!
भवेश
साथ चली किसके भला,
साथ चली किसके भला,
sushil sarna
दहेज.... हमारी जरूरत
दहेज.... हमारी जरूरत
Neeraj Agarwal
* बढ़ेंगे हर कदम *
* बढ़ेंगे हर कदम *
surenderpal vaidya
दम है तो गलत का विरोध करो अंधभक्तो
दम है तो गलत का विरोध करो अंधभक्तो
शेखर सिंह
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
बादल  की  तरह आते हो ,
बादल की तरह आते हो ,
Neelofar Khan
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
Shweta Soni
*खो गया  है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*प्रणय प्रभात*
मैं निकल पड़ी हूँ
मैं निकल पड़ी हूँ
Vaishaligoel
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
सत्य कुमार प्रेमी
“परीक्षा”
“परीक्षा”
Neeraj kumar Soni
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मन की डायरी
मन की डायरी
Surinder blackpen
4487.*पूर्णिका*
4487.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी मंज़िल क्या है,
मेरी मंज़िल क्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सितारा कोई
सितारा कोई
shahab uddin shah kannauji
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
दिल नहीं
दिल नहीं
Dr fauzia Naseem shad
25- 🌸-तलाश 🌸
25- 🌸-तलाश 🌸
Mahima shukla
"आजादी जिन्दाबाद"
Dr. Kishan tandon kranti
सज गई अयोध्या
सज गई अयोध्या
Kumud Srivastava
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
मैंने मेरे हिसाब से मेरे जीवन में
मैंने मेरे हिसाब से मेरे जीवन में
Sonam Puneet Dubey
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कभी किसी की सुंदरता से प्रभावीत होकर खुद को उसके लिए समर्पित
कभी किसी की सुंदरता से प्रभावीत होकर खुद को उसके लिए समर्पित
Rituraj shivem verma
जीवन  के  हर  चरण  में,
जीवन के हर चरण में,
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
Loading...