हरि नाम
कुंडलिनी छंद
हरि नाम
जप ले हरि के नाम को, समा बड़ा विकराल।
लीलता जनमानस को, बन बड़ा महाकाल।।
वन बड़ा महाकाल ,अरज अब हमारी सुन लो।
हाथ जोड़ कर ध्यान, नाम ईश्वर का जप लो।।
धरो ध्यान सुमिरन करो, जगदंबा जगदीश।
जिनकी कृपा कटाक्षते, रंक होत अवनीश।।
रंक होत अवनीश, नित्य घड़ा भक्ति का भरो।
भगवन बड़ा दयाल, माथा चरणों में धरो।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश