हरियाली छाग्गी
हे रै खेतामं हरियाली छाग्गी
रूत सामण की आग्गी
नाहन्नी- नाहनी बूंद पडै सै
गोड्ड चडग्गा पानी सै
छोरियां के आग्गै संधारे
बाग्मं झूल झूलन जारी सै
हे रै बाग्मं झूल- झूलन जारी सै
कलाई मं हरी लाल चूडी पहनी
हाथमं लग्गा राखी सै मेहदी
मां सुसरे मेरे नै कहदीयो
इबकै मं नहीं जाऊँ गी
तीजां का बडा एऐ त्यौहार सै
राखी बांध बेरी कै मं जाऊँ गी
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा