हरियाणी गाना(एक साखी दूसरी सखी को अपनी व्यथा सुनाती है।
हमारो मन लागी न री दइयाॅ।
पढाई में कैसे करू मइयाॅ।।
पढाई में कैसे करू मइयाॅ।।
हमारो मन लागे न री दइयाॅ।।
वलम मलखानो हो मेरा
चलू मे जब संग संग में उसके। ।
पिया की याद भी आवे गी।
सखी मेरी खिज खिज जावेगी
पिया की याद भी आवेगी। ।
कमर मेरी लचकी री दइयाॅ। ।
पढाई में करू मइयाॅ।
हमारो मन लागे न री दइयाॅ। ।