//… हरामखोर …//
//…हरामखोर…//
इस राजनीतिक ,
सत्ता के गलियारे में ,
कुंडली मारकर बैठे कुछ ,
भ्रष्टाचार के भक्ष…!
पक्ष हो या विपक्ष ,
यहां एक-दूसरे पर ,
छींटाकशी करने में ,
हैं यहां सभी दक्ष…!
प्रजातंत्र के ,
इस महफिल में ,
जो पकड़ा गया ,,
वो है चोर…!
मेरे गांव से इस ,
बदलते शहर में ,
यही हो रहा है ,
गली-गली में शोर…!
गरीबों के हक को ,
जो नेता मारे ,
वो नेता ही क्या …….?
वो तो है हरामखोर …!
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)