हरसिंगार रखो
मन के द्वारे पर
खुशियों के
हरसिंगार रखो।
जीवन की ऋतुएं बदलेंगी
दिन फिर जायेंगे,
और अचानक आतप वाले
मौसम आयेंगे,
सम्बन्धों की
इस गठरी में
थोड़ा प्यार रखो।
सरल नहीं जीवन का यह पथ
मिलकर काटेंगे,
हम अपना पाथेय और सुख दुख
सब बाँटेंगे,
लौटा देना प्यार
फिर कभी
अभी उधार रखो।