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31 Jul 2021 · 1 min read

हरजाई

हमने तुम्हें दिल दिया नगीने की तरह ,
तुमने उसे तोड़ दिया शीशे की तरह ।

अब तुम्हें नादान कहें या कहें बेवफा,
तोहफे के साथ नहीं करते इस तरह।

शीश टूटता तो जरूर आंखों में चुभता,
मगर तुम्हें हमारा प्यार चुभा इस तरह ।

बड़ी उलझन में है तुम्हारे इस बर्ताव पर ,
दोस्ती तो नहीं ये ये है दुश्मनी की तरह ।

तुमने तो कभी इंकार भी नही किया था,
और इकरार भी नहीं, समझें किस तरह !

आखिर तुम्हारे सीने में दिल है भी या नहीं,
होता तो जरूर धड़कता मेरे दिल की तरह ।

तुम पत्थर की मूरत से बढ़कर कुछ नहीं,
पत्थरों से मुहोबत हो सकती है किस तरह ।

खैर ! तुमसे कोई उम्मीद करना बेकार है ,
तुम ये नाजुक जज्बे समझोगे किस तरह ।

मगर हमारा जो नुकसान हुआ उसका क्या!
खुदा करे तुम्हारा भी दिल टूटे इसी तरह ।

तब तुम्हें समझ में आएगा दर्द क्या होता है ?
जब प्यार में धोखा खाओगे हमारी तरह ।

अलविदा ! अब हमारी राहें अलग होती हैं,
भुला देंगे तुम्हें हम बुरे सपने की तरह ।

7 Likes · 8 Comments · 592 Views
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