हम
लड़की हो या लड़का,
रास्ता हो या वास्ता,
टुटते ही हैं|
रोना हो या हसना,
लड़ाई हो या पढाई,
विदाई हो या जुदाई,
सहना सबको है,
अकेले रहना सबको है,
कोई कहता है लड़की के दुख बड़े हैं,
तो कोई कहता है लड़के के दुख बड़े हैं,
क्या दोनो इंसान नहीं,
क्या दोनो की पहचान नहीं,
क्या ख़ून का रंग अलग है,
क्या बालों का रंग अलग है,
तो केसे तुम अंदाज़ लगा सकते हो,
किसका दर्द बड़ा है|
लड़कियाँ अगर अपनी विदाई पर रोती हैं,
तो लड़के क्या अपनी कमाई पर नहीं रोते हैं
अगर लड़की लड़ती है अपने लिए,
तो लड़के भी लड़ते हो अपने भविष्य के लिए|