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3 Aug 2023 · 1 min read

हम हिंद के है

🔥हम हिंद के है🔥

न थे वे मनीषी , न बरगलाए गए थे।
न आए कहीं से, न भगाए गए थे।।

वे थे अपने घर में, था अपनो का साया।
लुटेरों का डर ,था जो बाहर से आया।।

ये डर धीरे धीरे , लहू में समाया।
वो खंजर का डर ,था जो कायर बनाया।।

ये शमशीर के डर ने, क्या कर दिखाया।
कटाना था गर्दन , सो खतना कराया।।

फेंको ये शम्शीर, ये खंजर हटाओ।
भरो इनमें जुर्रत, डर को भगाओ।।

अगर चाहते हो, ये हों घर में वापस।
मेरे दोस्तो राजा ” योगी ” बनाओ।।

🔥 संजय 🔥

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 94 Views
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