√√हम सेना के गौरव-गान हैं (गीत )
हम सेना के गौरव-गान हैं (गीत )
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हम हैं ढोल-नगाड़े, हम सेना के गौरव-गान हैं
(1)
यह माना हम नहीं युद्ध में सीमा पर जा
लड़ते
यह माना हम नहीं लिए बन्दूकें दिखे उमड़ते
यह माना हम नहीं विमानों से बमवर्षा करते
यह माना हम नहीं शौर्य-गाथा प्रष्ठों को
भरते
लेकिन अपने वीर सैनिकों पर करते
अभिमान हैं
(2)
हम जलूस में, हम जलसों में भीड़-रूप बन
आते
हम रंगों से परमवीर योद्धा के चित्र बनाते
हम करते जयकार ,हिंद की सेना के गुण गाते
घर या दफ्तर सभी जगह उनका उत्साह
बढ़ाते
हम कहते हैं सीमा के प्रहरी भारत की शान हैं
(3)
हम उनमें से नहीं छली जो रहते मौन दिखाई
हम उनमें से नहीं युद्ध में करते टाँग – खिंचाई
हम उनमें से नहीं मनोबल सेना का गिरवाते
हम उनमें से नहीं शत्रु जिनके भाषण सुनवाते
हमें पता है कितने सेना के हम पर एहसान हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा,
रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451