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6 May 2018 · 1 min read

** हम सिकन्दर थे कभी **

6.5.18 ******* रात्रि 10.57

हम सिकन्दर थे कभी इसीलिए आज अपना मुकद्दर हार गये हैं

जो पता होता सिकन्दर को तो बन कलन्दर जीत जग को लेता

ना हास होता कभी कि दुनियाँ जीतने चला था जो सिकन्दर

वो सिकन्दर हार अपनी लिए दिल में दुनियाँ छोड़ जाता है ।।

मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 348 Views
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