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14 Oct 2023 · 1 min read

हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है

हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है,
हम एक शूल है, तो वह सहस्त्र ढाल प्रखर है,

हम दुनिया के हैं अंग, वह उसकी अनुक्रमणिका है,
हम पत्थर के हैं संग , वह कंचन की क्रीनिका है,

हम सरकार है वह शासन है, हम छंद है वह कविता है हम लव कुश है, वह सीता है, हम राजा है वह राज है, हम मस्तक है वह ताज है,
वह सरस्वती का उद्गम है, रणचंडी और नासा है,

हम एक शब्द है, तो वह पूरी भाषा है,
बस यही मां की परिभाषा है !!

✍️✍️..

Language: Hindi
359 Views

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