हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये
(शेर)- मनाये उनके साथ दिवाली, जिनके पास ना रोटी कपड़ा मकान है।
अपने परिवार से दूर, देश की सरहद पर प्रहरी जो जवान है।।
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हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये।
हर घर में हम रोशनी और, खुशहाली लाये।।
हम सब मिलकर—————————।।
रोशन हो हर चेहरा, नहीं उदास हो कोई।
मुफलिसी के कारण, भूखा नहीं सोये कोई।।
बेघर- यतीमों के साथ हम, खुशी यह मनाये।
हम सब मिलकर—————————।।
अज्ञानता का अंधेरा मिटे, दीप जले ज्ञान का।
विश्व में हर क्षेत्र में परचम हो, हिंदुस्तान का।।
अंधविश्वासों के विरुद्ध, ज्योति हम जलाये।
हम सब मिलकर—————————।।
जो है देश की सीमा पर, देश की रक्षा के लिए।
अपना परिवार छोड़कर, देश में अमन के लिए।।
वतन के रखवालों के घर, चलकर दीप जलाये।
हम सब मिलकर—————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)