हम सजदे में कंकरों की ख़्वाहिश रखते हैं, और जिंदगी सितारे हमारे नाम लिख कर जाती है।
ये उलझने जो सुलझने से कतराती हैं,
हर पल एक नयी पहेली साथ लाती है।
हम अतीत के पन्नों को पलटते रह जाते हैं,
और ज़िन्दगी एक नयी कहानी हीं रच कर जाती है।
कभी यही पल सदियों जैसे कटा करते हैं,
कभी रेत की तरह वक़्त, हाथों से फिसली जाती है।
हम गुम हुई उस गूंज की तलाश में रहते हैं,
और वो नए सुर हमारे होठों पे सजा जाती है।
कभी तो आंसुओं से रिश्ते टूट नहीं पाते हैं,
और कभी हंसी व्यक्तित्व की पहचान बन जाती है।
हम अनंत में खुद को तलाशा करते हैं,
और खुद से खुद की पहचान ख़फ़ा हो जाती है।
कभी साँसें सहम कर ख़ामोशी में सो जाते हैं,
और कभी हर धड़कन है, की बातें करती जाती हैं।
कभी हम सरायों में भी ठहरने से कतराते हैं,
और कभी घर की दहलीज हीं पावों के पास चली आती है।
हम शब्दों में दर्दों को तराशा करते हैं,
और वो उन शब्दों से मुस्कराहट को खींच लाती है।
हम सजदे में कंकरों की ख़्वाहिश रखते हैं,
और जिंदगी सितारे हमारे नाम लिख कर जाती है।