Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2021 · 1 min read

हम रात भर यूंही तड़पते रहे

हम रात भर यूंही तरसते रहे
*********************
बादल रात भर गरजते रहे।
हम रात भर अकेले डरते रहे।।

बादल आस्मां से बरसते रहे।
हम रात भर यूंही तरसते रहे।।

बिजली बादलों में चमकती रही।
बिंदिया मेरी माथे पर दमकती रही।।

बारिश के साथ ओले गिरते रहे।
हम अकेले ठंड में सिकुड़ते रहे।।

वे झूठे ख्वाब मुझे दिखाते रहे।
हम रात भर करवट बदलते रहे।।

रात भर जगे थे,सुबह हम सोते रहे।
चूकी पूरी रात हम यूंही तड़पते रहे।।

वे वादे पे वादे मुझसे करते रहे।
हम जिंदगी भर आंसू बहाते रहे।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
कोई  दर्द  दे  गया  ,कोई  अँदलीब दे गया  ,
कोई दर्द दे गया ,कोई अँदलीब दे गया ,
Neelofar Khan
तू बदल गईलू
तू बदल गईलू
Shekhar Chandra Mitra
3306.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3306.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
वो दिन भी क्या दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
Subhash Singhai
आज के युग में कल की बात
आज के युग में कल की बात
Rituraj shivem verma
*कुंडलिया छंद*
*कुंडलिया छंद*
आर.एस. 'प्रीतम'
P
P
*प्रणय*
उम्मीद का टूट जाना
उम्मीद का टूट जाना
हिमांशु Kulshrestha
वक्त सबको मिलता है अपना जीवन बदलने के लिए
वक्त सबको मिलता है अपना जीवन बदलने के लिए
पूर्वार्थ
पहली बारिश मेरे शहर की-
पहली बारिश मेरे शहर की-
Dr Mukesh 'Aseemit'
हारा हूं,पर मातम नहीं मनाऊंगा
हारा हूं,पर मातम नहीं मनाऊंगा
Keshav kishor Kumar
।। मतदान करो ।।
।। मतदान करो ।।
Shivkumar barman
सुरमई शाम का उजाला है
सुरमई शाम का उजाला है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*अनगिन हुए देश में नेता, अलग मगर थे नेताजी (गीत)*
*अनगिन हुए देश में नेता, अलग मगर थे नेताजी (गीत)*
Ravi Prakash
*आजादी की राखी*
*आजादी की राखी*
Shashi kala vyas
बेशर्मी ही तो है
बेशर्मी ही तो है
लक्ष्मी सिंह
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
*पल  दो पल  मेरे साथ चलो*
*पल दो पल मेरे साथ चलो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सच
सच
Sanjeev Kumar mishra
नफ़्स
नफ़्स
निकेश कुमार ठाकुर
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
Harinarayan Tanha
जय हो माई।
जय हो माई।
Rj Anand Prajapati
फलसफ़ा
फलसफ़ा
Atul "Krishn"
टमाटर के
टमाटर के
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तुम और बिंदी
तुम और बिंदी
Awadhesh Singh
जो खुद को हमारा
जो खुद को हमारा
Chitra Bisht
यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा
यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा
VINOD CHAUHAN
Loading...