हम भी तो तुम्हारी बेटी है
मत फूँको लोभी दहेज के
हम भी तो तुम्हारी बेटी हैं
हाथों में लगी प्यारी मेहँदी
मत उनको छालों में बदलो
हल्दी का उबटन खूब लगा
अंगारों में न अब बदलो
कल थी जो डोली में बैठी
वो आज चिता में लेटी है
हम भी तो तुम्हारी बेटी है
काँधे पर बाबुल के आई
माता की कोख की मैं जाई
भईया की मैं इक बहना हूँ
नानी नाना का गहना हूँ
मत काटो सिर को समझ के ये
जैसे की हम कोई खेती है
हम भी तो तुम्हारी बेटी है
धन दौलत काम नहीं आती
बिन बहू चौखट भी शर्माती
दो कुल का मान बढ़ाती है
खुशियों का दीप जलाती है
आदर्श और संस्कारों को
हम अपने गर्भ में सेती हैं
हम भी तो तुम्हारी बेटी है!
मत फूँको लोभी दहेज के
हम भी तो तुम्हारी बेटी हैं