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6 Sep 2022 · 1 min read

हम भी क्या दीवाने हुआ करते थे

सुबाह वो ही

शाम वो ही

लगता है वक्त रुका है

या तेजी से गुज़र गया है

कुछ लम्हे

कुछ यादें

कुछ किस्से

कुच बाते।

आज भी जिंदा है

आज भी ताजी है

वो भुलये से

भी भूली नहीं जाती

क्यू के उनमे शामिल है

अपना बचपन

अपनी नादानी

अपनी उमर की वो बते

जब हम हर गम

से बेगाने हुआ करते थे

!!!!!!वाह

हम…भी क्या

दीवाने हुआ करते थे……. शबीनाज़

Language: Hindi
195 Views
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