भाव तज बाजार है
कौन कहता प्रीति- मग गुलजार है?
हृदय अब भी चेतना बिन क्षार है|
हिंद में शोषण -अशिक्षा की कसक
दिख रही, जन , भाव तज बाजार है|
बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता
कौन कहता प्रीति- मग गुलजार है?
हृदय अब भी चेतना बिन क्षार है|
हिंद में शोषण -अशिक्षा की कसक
दिख रही, जन , भाव तज बाजार है|
बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता