Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2021 · 1 min read

हम बच्चे

हम बच्चे

हम इतने चंचल हैं क्यों ?
हममे शालीनता नहीं है क्यों ?

हम इतने उद्दण्ड हैं क्यों ?
हममे सज्जनता नहीं है क्यों ?

हमने अनुशासन को छोड़ा क्यों ?
इससे नाता जोड़ा नहीं है क्यों ?

हम किसी की सुनते नहीं है क्यों ?
हम मानते बड़ो की नहीं है क्यों ?

गलती करना हमारा अधिकार है क्यों ?
कोई रोके तो रुकते नहीं है क्यों ?

टोकना किसी का हमको भाता नहीं है क्यों ?
राह गिरे को उठाना आता नहीं है क्यों ?

हममे स्वयं पर नियंत्रण नहीं है क्यों ?
हम चाहें क्या पता यह नहीं है क्यों ?

भागते फिरते हम फिर भी है क्यों ?
कोई चाहता हमको नहीं है क्यों ?

हम गिर गिरकर उठते हैं क्यों ?
हमको रोना आता नहीं है क्यों ?

बड़ो के सम्मान से हमें लेना देना नहीं है क्यों ?
शिक्षकों के सम्मान से हमें परहेज है क्यों ?

बेफिक्र से हम जीते हैं क्यों ?
परिश्रम से हम डरते हैं क्यों ?

संयमित जीवन भाता नहीं है क्यों ?
जाना किधर है हमको पता नहीं ?

अँधेरे दलदल में भटक रहे हैं क्यों ?
परिणाम की चिंता नहीं है क्यों ?

दुनिया की परवाह करते नहीं हैं क्यों ?
भौतिक जीवन में जीते हैं क्यों ?

समाज से लेना – देना नहीं है क्यों ?
रोज गिर गिरकर संभल रहे हैं क्यों ?

कोई तो हमको राह दिखाओ
इस अन्धकार से बचाओ

नैतिकता की बातें करो
हममें जीवन आस जगाओ

करो अँधेरा जीवन से दूर
दो हमें विश्वास भरपूर
खिला दें इस चमन को
बन जायें सबके दिल के नूर

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
गुलाब के काॅंटे
गुलाब के काॅंटे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
किसी की याद मे आँखे नम होना,
किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
3496.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3496.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
कवि रमेशराज
" ढले न यह मुस्कान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
You may not get everything that you like in your life. That
You may not get everything that you like in your life. That
पूर्वार्थ
नहीं आऊँगा तेरी दर पे, मैं आज के बाद
नहीं आऊँगा तेरी दर पे, मैं आज के बाद
gurudeenverma198
भीग जाऊं
भीग जाऊं
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी की जंग
ज़िंदगी की जंग
Dr. Rajeev Jain
देश के वासी हैं
देश के वासी हैं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्रेम का वक़ात
प्रेम का वक़ात
भरत कुमार सोलंकी
Just be like a moon.
Just be like a moon.
Satees Gond
*चुप बैठे रहने से मसले, हल कभी नहीं हो पाते हैं (राधेश्यामी
*चुप बैठे रहने से मसले, हल कभी नहीं हो पाते हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
#तेवरी- (देसी ग़ज़ल)-
#तेवरी- (देसी ग़ज़ल)-
*प्रणय*
Inspiring Poem
Inspiring Poem
Saraswati Bajpai
हे दामन में दाग जिनके
हे दामन में दाग जिनके
Swami Ganganiya
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माना   कि  बल   बहुत  है
माना कि बल बहुत है
Paras Nath Jha
इक ज़मीं हो
इक ज़मीं हो
Monika Arora
महफिल में तनहा जले,
महफिल में तनहा जले,
sushil sarna
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
शब्दों का संसार
शब्दों का संसार
Surinder blackpen
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम मुस्कुराते हैं...
हम मुस्कुराते हैं...
हिमांशु Kulshrestha
तुझे लोग नहीं जीने देंगे,
तुझे लोग नहीं जीने देंगे,
Manju sagar
11. *सत्य की खोज*
11. *सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
Rituraj shivem verma
Loading...