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21 Mar 2022 · 1 min read

हम बच्चे हैं

हम बच्चे हैं
जीवन की कठिनाइयों के बारे में
अभी कुछ जानते नहीं तो
विपरीत परिस्थितियों में भी
खुश हो लेते हैं
खेल लेते हैं
मिट्टी की नरम कोख
पटी पड़ी हो कठोर पत्थरों से तो भी
एक कली सा एक महकते जीवन का सूरज बनकर
उसके बीच की दरारों में से
कहीं थोड़ी बहुत अपने लिए जगह बनाकर
हर सुबह की पहली मुस्कुराती किरण बनकर
उग ही लेते हैं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
190 Views
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