हम बच्चे हैं
हम बच्चे हैं
जीवन की कठिनाइयों के बारे में
अभी कुछ जानते नहीं तो
विपरीत परिस्थितियों में भी
खुश हो लेते हैं
खेल लेते हैं
मिट्टी की नरम कोख
पटी पड़ी हो कठोर पत्थरों से तो भी
एक कली सा एक महकते जीवन का सूरज बनकर
उसके बीच की दरारों में से
कहीं थोड़ी बहुत अपने लिए जगह बनाकर
हर सुबह की पहली मुस्कुराती किरण बनकर
उग ही लेते हैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001