हम बच्चे हिंदुस्तान के
बच्चों को समर्पित एक रचना-
हम बच्चे हिंदुस्तान के
नन्हे दूत भगवान के।
रल-मिल सारे रहते हैं
खुशियों के सपने पलते हैं
विजय पताका परवान के
हम बच्चे हिंदुस्तान के।
सत्पथ बढ़ते जाएँगे
कटुवचन न भरमाएँगे
सत्वीर हम सम्मान के
नन्हे दूत भगवान के।
जलती मशाल ज्ञान के
तेजपुँज योग-ध्यान के
नयी भोर के फरमान के
हम बच्चे हिंदुस्तान के।
बीना