Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2020 · 1 min read

हम न पूछेंगे।।

तुम्हारे लहज़े हैं कितने मुदस्सर, हम न पूछेंगे,
क्यों नज़रें फेर कर बैठे हो हमसे, हम न पूछेंगे।
कभी भी बोल सकते हो, वहम यह पाल रखा है,
मगर है चाहतों का क्या असर ये, हम न पूछेंगे।।

जज्बातों का असर तो, लफ्ज़ों से ही तय होता है।
मगर लब कब करेंगे चाहत बयां, हम न पुछेंगे।।
कुछ बातें कहने की हिमाकत, लब नही करतें।
मगर वो नज़री बातें कितनी समझें, हम न पूछेंगे।।

निगाहें मिल जो जाए तो, आंखे चार भी कर लें।
खामोशी का होगा कितना असर, हम न पूछेंगे।।
आंखे वो मिला लेतें गर छोड़, लाज का पर्दा,
मगर क्या सुन पायेंगे धड़कन, हम न पूछेंगे।।

अगर महसूस करते धड़कनो को, तो इजाजत दो।
करीब कितने रख पाओगे दिल के, हम न पूछेंगे।।
जरा सा एक परत दिल की गिरह को, खोल कर देखूँ।
की कैसे अक्स का पाते झलक, हम न पूछेंगे।।

गाँठे खोल भी लेते हम तेरे, दिल की भी लेकिन।
खुद का नाम न पाया तो जियें कैसे, हम न पूछेंगे।।
आईने सा साफ दिल मेरा, सच बात है कहता।
मगर तुम झूठा क्यों कहते उसे, हम न पूछेंगे।।

छोड़ो बातों बातों में कही, तकरार न हो ले।
घड़ी ये प्यार की या है जुदाई, हम न पूछेंगे।।
तुम्ही इजहार के डर से हमसे, फासला रख लो।
क्या कहना चाहते थे लब तेरे, हम न पूछेंगे।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित ०२/०२/२०२०)

Language: Hindi
1 Like · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माटी कहे पुकार
माटी कहे पुकार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
Ranjeet kumar patre
चार लोग क्या कहेंगे?
चार लोग क्या कहेंगे?
करन ''केसरा''
"प्यास"
Dr. Kishan tandon kranti
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – गर्भ और जन्म – 04
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – गर्भ और जन्म – 04
Kirti Aphale
LEAVE
LEAVE
SURYA PRAKASH SHARMA
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
Raksha Bandhan
Raksha Bandhan
Sidhartha Mishra
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
DrLakshman Jha Parimal
23/202. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/202. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
Ajay Kumar Vimal
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
"एक विचार को प्रचार-प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है
शेखर सिंह
अब मेरी मजबूरी देखो
अब मेरी मजबूरी देखो
VINOD CHAUHAN
When winter hugs
When winter hugs
Bidyadhar Mantry
डर एवं डगर
डर एवं डगर
Astuti Kumari
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
Kumar lalit
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
gurudeenverma198
दोस्ती एक पवित्र बंधन
दोस्ती एक पवित्र बंधन
AMRESH KUMAR VERMA
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इन समंदर का तसव्वुर भी क्या ख़ूब होता है,
इन समंदर का तसव्वुर भी क्या ख़ूब होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पैमाना सत्य का होता है यारों
पैमाना सत्य का होता है यारों
प्रेमदास वसु सुरेखा
कई जीत बाकी है कई हार बाकी है, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
कई जीत बाकी है कई हार बाकी है, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
Vipin Singh
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
Shreedhar
!! युवा !!
!! युवा !!
Akash Yadav
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
"प्रकाशित कृति को चर्चा में लाने का एकमात्र माध्यम है- सटीक
*प्रणय प्रभात*
गीत- पिता संतान को ख़ुशियाँ...
गीत- पिता संतान को ख़ुशियाँ...
आर.एस. 'प्रीतम'
वफा माँगी थी
वफा माँगी थी
Swami Ganganiya
Loading...