Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2020 · 1 min read

हम न थे वो, वो कोई और ही रहे होंगे

हम न थे वो, वो कोई और ही रहे होंगे
यार के दिल को जो यूॅं ही भा गए होंगे

उनके मुहब्बत के हसीन बुत खाने में
हम जैसे कई और दीवाने भी रहे होंगे

यूॅं तो बहुत चाहने वाले मिले होंगे उनको
क्या हम जैसी यारी किसी ने निभाए होंगे

क्या कभी मेरी नादानियों के जानिब
लबों पे यार के यूं ही हसीं आए होंगे

रात के दिलकश हथेली पे क्या उसने
मेरे नाम के मुश्क ए गुल खिलाए होंगे

उसकी यादों के गुलिस्तां में मेरी यादों ने
क्या कभी भी चहक कर शोर मचाए होंगे
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
2 Likes · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#हिंदी_मुक्तक-
#हिंदी_मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
“इसे शिष्टाचार कहते हैं”
“इसे शिष्टाचार कहते हैं”
DrLakshman Jha Parimal
*अध्यापिका
*अध्यापिका
Naushaba Suriya
*जीवन की शाम (चार दोहे)*
*जीवन की शाम (चार दोहे)*
Ravi Prakash
अमृतकलश
अमृतकलश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दिल से निकले हाय
दिल से निकले हाय
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
Keshav kishor Kumar
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
Paras Nath Jha
"बेस्ट पुलिसिंग"
Dr. Kishan tandon kranti
कैमरे से चेहरे का छवि (image) बनाने मे,
कैमरे से चेहरे का छवि (image) बनाने मे,
Lakhan Yadav
मैं अकेला महसूस करता हूं
मैं अकेला महसूस करता हूं
पूर्वार्थ
जीवन से तम को दूर करो
जीवन से तम को दूर करो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दीवार में दरार
दीवार में दरार
VINOD CHAUHAN
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक नयी शुरुआत !!
एक नयी शुरुआत !!
Rachana
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
23/09.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/09.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
With Grit in your mind
With Grit in your mind
Dhriti Mishra
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
यही जीवन है
यही जीवन है
Otteri Selvakumar
Ek gali sajaye baithe hai,
Ek gali sajaye baithe hai,
Sakshi Tripathi
कोई बात नहीं देर से आए,
कोई बात नहीं देर से आए,
Buddha Prakash
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
हरवंश हृदय
होता अगर मैं एक शातिर
होता अगर मैं एक शातिर
gurudeenverma198
मृगनयनी सी आंखों में मेरी सूरत बसा लेना,
मृगनयनी सी आंखों में मेरी सूरत बसा लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रिश्ता एक ज़िम्मेदारी
रिश्ता एक ज़िम्मेदारी
Dr fauzia Naseem shad
हो गई है भोर
हो गई है भोर
surenderpal vaidya
Loading...