हम ना सोते हैं।
पेश है पूरी ग़ज़ल…
याद आयी तो रो देंगे इसीलिए तन्हा ना रहते है।
ख्वाबो में आ जायेगा तू रातों में हम ना सोते है।।1।।
बड़े बदनाम हो गए है यूं चाहत में हम तुम्हारी।
निकम्मे बने है इश्क के सिवा कुछ ना करते है।।2।।
तुमसे दिल लगाके हम बीमारे इश्क हो गए है।
जाने कैसा रोग ले लिया है जीते है ना मरते है।।3।।
आजमाइशों का सिलसिला ब दस्तूर जारी है।
जबभी निकले मझधार से साहिल पे डूबते है।।4।।
तुम दो हम को बद्दुआएं कोई बात नही मगर।
हम तो आज भी तुम्हारे हक में दुआ करते है।।5।।
हर शय कारोबारी तिजारत में शामिल हुई है।
बाजारों में इन्सानी जिस्मों को देखो बेचते है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ