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8 Nov 2016 · 1 min read

हम नही करते………

ज़माने के ग़मो की शिकायत हम नही करते,
किसी को आज़माने को मोहब्बत हम नही करते।
साथ चलने का वादा हम बदस्तूर निभाते हैं,
संग वो भी हो हरदम ये चाहत हम नही करते।
बारीकी से हर पहलू की तस्दीक करते हैं,
बिना जाने बिना समझे बगावत हम नही करते।
जो हैं वहू ज़माने को नज़र भी आतें हैं,
नुमाइश के लिए शराफ़त हम नही करते।
उसको मानते हैं और उसको पूजते हैं हम,
खुदा के नाम की सियासत हम नही करते ।
जो दिल में है उसे बेबाकी से बोल देते हैं,
लब्जों में ज़बरदस्ती मिलावट हम नही करते ।
खुदा से पायी ज़िन्दगी भरपूर जीते हैं,
इसे बर्बाद कर उससे अदावत हम नही करते।
यहॉ पर सबको अपनी जिन्दगी मर्ज़ी से जीनी है,
किसी के हक की खिलाफत हम नही करते।
हमे बस इतना कहना है किसी को ठेस न पहुचे,
कि खुदगर्ज़ी की सॉसों की वकालत हम नही करते ।
ज़रा कह दो खुदा का खौफ खाएं कहने से पहले,
जो कहते हैं कि कातिल पर रियायत हम नही करते।

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