Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2023 · 1 min read

हम दोनों बहुत अलग है

मुझे उसकी अच्छाइयों से प्यार है और उसे मेरी नादानियों से
हम दोनों बहुत अलग है फिर भी हम साथ है ।।

उसे दुनिया की परवाह है और मुझे सिर्फ उसकी
हम दोनों बहुत अलग है फिर भी हम साथ है ।।

मुझे उसकी ख़ुशी चाहिए और उसे मेरे सारे गम
हम दोनों बहुत अलग है फिर भी हम साथ है ।।

मुझे रूठना पसंद है और उसे मनाना
हम दोनों बहुत अलग है फिर भी हम साथ है ।।

उसे मेरी बातों में खोना पसंद है और मुझे उसकी आँखों में
हम दोनों बहुत अलग है फिर भी हम साथ है ।।

उसे मेरा अंदाज़ पसंद है और मुझे वो
हम दोनों बहुत अलग है फिर भी हम साथ है ।।

मुझे उसकी फ़िक्र करने की आदत पसंद है और उसे मेरी बेफिक्री
हम दोनों बहुत अलग है फिर भी हम साथ है ।।

1 Like · 159 Views

You may also like these posts

3011.*पूर्णिका*
3011.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
3 _उसे और जलना था ...
3 _उसे और जलना था ...
Kshma Urmila
पीढ़ियों का संवाद पीढ़ियों से
पीढ़ियों का संवाद पीढ़ियों से
Arun Prasad
यूँ झूटी कहावत का क्या फ़ायदा
यूँ झूटी कहावत का क्या फ़ायदा
Shilpi Singh
चांद को छुते हुए जीवन को छुएंगे।
चांद को छुते हुए जीवन को छुएंगे।
जय लगन कुमार हैप्पी
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Vivek Pandey
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
आओ थोड़े बुद्ध बन जाएँ
आओ थोड़े बुद्ध बन जाएँ
Indu Nandal
बुंदेली चौकड़िया
बुंदेली चौकड़िया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
योग प्राणायाम
योग प्राणायाम
surenderpal vaidya
*बदलते जज़्बात*
*बदलते जज़्बात*
Dr. Jitendra Kumar
" सूत्र "
Dr. Kishan tandon kranti
जब कभी आपसी बहस के बाद तुम्हें लगता हो,
जब कभी आपसी बहस के बाद तुम्हें लगता हो,
Ajit Kumar "Karn"
तेरा राम
तेरा राम
seema sharma
मुज़रिम सी खड़ी बेपनाह प्यार में
मुज़रिम सी खड़ी बेपनाह प्यार में
Er.Navaneet R Shandily
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
//अब इंसान परेशान है//
//अब इंसान परेशान है//
पूर्वार्थ
मर्यादा की लड़ाई
मर्यादा की लड़ाई
Dr.Archannaa Mishraa
गौमाता मेरी माता
गौमाता मेरी माता
Sudhir srivastava
वो खुश है
वो खुश है
Suryakant Dwivedi
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
🙅आश्वासन🙅
🙅आश्वासन🙅
*प्रणय*
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
जज्बात
जज्बात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन मे
जीवन मे
Dr fauzia Naseem shad
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
दोहा पंचक. . . . . नजर
दोहा पंचक. . . . . नजर
sushil sarna
सलाम
सलाम
Dr.S.P. Gautam
ख़ुद ब ख़ुद
ख़ुद ब ख़ुद
Dr. Rajeev Jain
Loading...