हम दोनों तो रहेंगे नही
आ अब आशुओ से कहें अब ये बहेंगे नही
वो तो गैर हैं तुझसे सच्ची बात कहेंगे नही
आज हम दोनों तो लड़ते रहेंगे सरहदों के लिए
कल ये सरहदें रहेंगी हम दोनों तो रहेंगे नही
सुकून से दो रोटी सभी खाए हम तो यही चाहते हैं
आ अब ये फैसला करें कि लड़ेगें नही
तू जो गर नही माना तो ये याद रखना
हम भी सरहदों पर तेरी मनमानी सहेंगे नही
तू जो चीखता रहा हैं हरबार बमो के नाम बरसों से
नही जानता के तनहा हम हमेशा तो चुप रहेंगे नही