Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2022 · 1 min read

हम दिल से ना हंसे हैं।

एक मुद्दत हुई है हमको हम दिल से ना हंसे हैं।
हंसते भी कैसे इतने ज्यादा हमें ये गम ही मिले थे।।1।।

हम उलझे रहे सदा उलझनों को सुलझानें में।
इस जिन्दगी में कभी सुकूं के दो पल ना मिले थे।।2।।

मेरे भी बच्चे खुश होते गर मुफ्लिसी ना होती।
हर घर चस्में चरागा था हमारे घर दिए ना जले थे।।3।।

कैसे बताए कि कैसे उनसे इतनी दूर हो गए।
दूर क्यूं ना हो जाते वो जानें की ज़िद पर अड़े थे।।4।।

अब भी उसकी खुशबू आती है दीवारों दर से।
आए भी ना कैसे वो हमारी रूह से ना निकले थे।।5।।

सफर में और भी हमनवां थे साथ चलने को।
सबही उनसे अलग थे उनमें कहीं वो ना दिखे थे।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ

211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
द़ुआ कर
द़ुआ कर
Atul "Krishn"
इश्क में आजाद कर दिया
इश्क में आजाद कर दिया
Dr. Mulla Adam Ali
ঈশ্বর কে
ঈশ্বর কে
Otteri Selvakumar
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
VINOD CHAUHAN
माँ तुम याद आती है
माँ तुम याद आती है
Pratibha Pandey
" सितम "
Dr. Kishan tandon kranti
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
पूर्वार्थ
व्यर्थ बात है सोचना ,
व्यर्थ बात है सोचना ,
sushil sarna
रोशनी से तेरी वहां चांद  रूठा बैठा है
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
Virendra kumar
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
Namita Gupta
सब को जीनी पड़ेगी ये जिन्दगी
सब को जीनी पड़ेगी ये जिन्दगी
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
तुमने सुनना ही कब हमें चाहा,
तुमने सुनना ही कब हमें चाहा,
Dr fauzia Naseem shad
हिंदी
हिंदी
Bodhisatva kastooriya
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
Rj Anand Prajapati
किशोरावस्था : एक चिंतन
किशोरावस्था : एक चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
कितने शब्द हैं
कितने शब्द हैं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस...
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस...
डॉ.सीमा अग्रवाल
🙅दद्दू कहिन🙅
🙅दद्दू कहिन🙅
*प्रणय*
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आंखों में तिरी जाना...
आंखों में तिरी जाना...
अरशद रसूल बदायूंनी
3752.💐 *पूर्णिका* 💐
3752.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
संविधान में हिंदी की स्थिति
संविधान में हिंदी की स्थिति
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दोहा छंद भाग 2
दोहा छंद भाग 2
मधुसूदन गौतम
अनंत की ओर _ 1 of 25
अनंत की ओर _ 1 of 25
Kshma Urmila
महबूबा
महबूबा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
Ravi Prakash
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बढ़ता चल
बढ़ता चल
Mahetaru madhukar
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
Dr MusafiR BaithA
Loading...