हम तो उनकी रवानी लिख रहे है
हम तो उनकी रवानी लिख रहे है
तेरी और मेरी कहानी लिख रहे है
वो पढ़े उनकी महेरबानी लिखे रहे है
उसके कर्मों की ज़बानी लिख रहे है
उनके दिए हर दर्दों का हिसाब कर
तेरे दिए हुए दर्दो का पानी लिख रहे है
वो सोचते हम तन्हा है आज़कल
हम तन्हाई की निशानी लिख रहे है
वो बावफ़ा और हम बेवफ़ा ही सही
हम उनको बावफ़ा की निशानी लिख रहे है
उनकी यादों में बैठा एक लाचार
उस बेचारे की कहानी लिख रहे है
हम तो आँखों से बहता पानी
दर्द से लिपटी जवानी लिख रहे है
बेवफाओं के किस्से पढ़ लिये हमने
अब बेवफ़ा यार की कहानी लिख रहे है
भूपेंद्र रावत
7।08।2017