हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
लाख मुसीबत चाहे आएँ, नहीं तनिक भी घबराएँगे।।
ले चलो नाव उस ओर अभी, जिधर सुनामी ही आती है;
आज तराजू लेकर हम भी, संकट से ख़ुद को तोलेंगे।।
आर. एस. ‘प्रीतम’
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
लाख मुसीबत चाहे आएँ, नहीं तनिक भी घबराएँगे।।
ले चलो नाव उस ओर अभी, जिधर सुनामी ही आती है;
आज तराजू लेकर हम भी, संकट से ख़ुद को तोलेंगे।।
आर. एस. ‘प्रीतम’