हम-तुम
सब कुछ खोकर,
हंस कर ,रो कर
तुम में सो कर,
तेरे हो कर ,
मिली हर तरफ….
खाली ठोकर !!
उलझ गया हूं ,
सुलझूंगा भी ,
बिखर गया हूं ,
निखरूंगा भी ,
कसक रहेगी ,
मन में हर दम
की” तेरे ना
हो पाए हम !!
अमरेश मिश्र ‘सरल’
सब कुछ खोकर,
हंस कर ,रो कर
तुम में सो कर,
तेरे हो कर ,
मिली हर तरफ….
खाली ठोकर !!
उलझ गया हूं ,
सुलझूंगा भी ,
बिखर गया हूं ,
निखरूंगा भी ,
कसक रहेगी ,
मन में हर दम
की” तेरे ना
हो पाए हम !!
अमरेश मिश्र ‘सरल’