*हम चले तुम हमे अंतिम विदाई देना*
हम चले तुम हमे अंतिम विदाई देना
सुहागन हूँ तेरी डोली उठा तो लेना
निभाया वादा निभाया जो साथ
अंतिम विदाई करें अपने हाथ
परिणय का बंधन होता हैं खास
जीवन में सोचें ना होए उदास
बहे चक्षु प्रस्त्रवण अश्रु की धार
कैसे भुलाए प्रिय पलकों का प्यार
संसार जीवन प्रकाशित प्रवाह
अवलोकित करें जी अपत्य राह
निशा का निमंत्रण दिनकर अवसान
जीवन का चक्र जटिल दिक् मान
आशा निराशा तरंगिणी मझधार
संपूर्णता में खाली मेरा संसार
परम्परा सांसारिक रीति रिवाज
यहाँ चुकाना हैं सबको ही ब्याज
तेरी परिणिता मिला सबका सम्मान
सौभाग्यवती का पूर्ण हुआ वरदान
वनिता मेरा छोड़ा अधूरा में सार
आगे का अर्णव तिमिर सा हैं सार
बहुत कुछ हैं कहना बहुत हैं अधूरा
कर्त्तव्यता निभा यह करें यज्ञ पूरा
जीवन यज्ञ शाला प्रकाशित प्रकाश
मेरी पवित्रता सौभाग्यवती हूँ खास
सुहागन हूँ तेरी हँस कर बिदाई देना
हम चले तुम हमे अंतिम विदाई देना