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27 Nov 2024 · 1 min read

“हम ख़िताबी नहीं,

“हम ख़िताबी नहीं,
हम किताबी सही।
मंच वालों से पीछे,
न कल थे न अब।।”
[दूर कीजे मुग़ालते]
🙅प्रणय प्रभात🙅

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