हम उफ ना करेंगे।
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करते रहो सितम हम उफ ना करेंगे।
पर गैर बनने की सोची तो चुप ना रहेंगे।।
खुद से ज्यादा चाहते है हम तुमको।
जरा सी नफरत तुम्हारी सह ना सकेंगे।।
तुम नहीं तो किस काम की दुनियां।
तुम्हारे बिना जहां में हम रह ना सकेगें।।
मत काटो पंख इन छोटे परिंदों के।
आसमां तो होगा पर ये उड़ ना सकेंगें।।
इतना ना बहकाओ लोगो को ऐसे।
खाक होंगी बस्तियां कहीं घर ना बचेंगें।।
कुदरत से ऐसे ना करो खिलवाड़।
वर्ना शजरों में फिर कहीं फल ना उगेंगें।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ