Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

हम अपने घर में बेगाने

हम अपने घर में बेगाने
*************************

हम अपने घर में बेगाने वाह ज़माना क्या कहने

दुनिया गढ़ लेती अफ़साने वाह ज़माना क्या कहने

युग समाज़वादी का मतलब लूट भूख और बेकारी

सच्चे माने कोई न जाने वाह ज़माना क्या कहने

दागी नेता ढोंगी बाबा काले धन के व्यापारी

जनता सबकी नस नस जाने वाह ज़माना क्या कहने

आयेगी वो सुबह कभी तो जिसकी आस लगाये हैं

आँख लगी अब तो पथराने वाह ज़माना क्या कहने

छद्मम् छल कपट हेरा फेरी हर रिश्ते में स्वार्थ निहित

हम जैसे हो गये दिवाने वाह ज़माना क्या कहने

देश की जनता भूखो मरती और हमारे नेता गण

कह देते हम हैं अनजाने वाह ज़माना क्या कहने

कोख के जाए आँख के तारे ऐसे तोता चश्म हुए

ब्याह हो गया क्यों पहचाने वाह ज़माना क्या कहने

देश की खातिर लड़ सीमा पर सीने पे गोली खाई

नेता उन्हें लगे बिसराने वाह ज़माना क्या कहने

घर में तो माँ बाप वृद्ध हैं उनकी सेवा कौन करे

घर ज़माई बन गए सयाने वाह ज़माना क्या कहने
जीते जी तो हांल न पूछा धूम धाम से श्राद्ध किया

यूँही पितर ऋण लगे चुकाने वाह ज़माना क्या कहने
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव

36 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संसार का स्वरूप (2)
संसार का स्वरूप (2)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
Neelam Sharma
एक उलझन में हूं मैं
एक उलझन में हूं मैं
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
Raju Gajbhiye
To be Invincible,
To be Invincible,
Dhriti Mishra
बेनाम जिन्दगी थी फिर क्यूँ नाम दे दिया।
बेनाम जिन्दगी थी फिर क्यूँ नाम दे दिया।
Rajesh Tiwari
*दादाजी (बाल कविता)*
*दादाजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
मेरी कविताएं पढ़ लेना
मेरी कविताएं पढ़ लेना
Satish Srijan
खुदा की हर बात सही
खुदा की हर बात सही
Harminder Kaur
जानते वो भी हैं...!!
जानते वो भी हैं...!!
Kanchan Khanna
पर्वत को आसमान छूने के लिए
पर्वत को आसमान छूने के लिए
उमेश बैरवा
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
Sahil Ahmad
आज आप जिस किसी से पूछो कि आप कैसे हो? और क्या चल रहा है ज़िं
आज आप जिस किसी से पूछो कि आप कैसे हो? और क्या चल रहा है ज़िं
पूर्वार्थ
"तुम कब तक मुझे चाहोगे"
Ajit Kumar "Karn"
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
Srishty Bansal
" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
3189.*पूर्णिका*
3189.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
डॉ.सीमा अग्रवाल
इम्तिहान
इम्तिहान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
■सस्ता उपाय■
■सस्ता उपाय■
*प्रणय प्रभात*
शायरी
शायरी
Sandeep Thakur
निष्कर्ष
निष्कर्ष
Dr. Kishan tandon kranti
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
गीता ज्ञान
गीता ज्ञान
Dr.Priya Soni Khare
क्रिकेट
क्रिकेट
SHAMA PARVEEN
आसमां का वजूद यूं जमीं से है,
आसमां का वजूद यूं जमीं से है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...