“हम अखंड देश के नागरिक हैं”
हम अखंड देश के “नागरिक” हैं,
अखंडता है हमारी “शान”,
अखंडता में ही “शान्ति” है,
अखंडता में ही शक्ति है,
अखंडता में है अटूट “विश्वास”।
अखंडता पर “गर्व” है हमें,
अखंडता पर ही “निर्भर” हैं,
अखंडता में ही है सबका “कल्याण”,
अखंडता है हमारा “सम्मान”,
अखंडता है हमारी “पहचान”।
इसलिए है,”हमारा भारत, देश महान”।।
✍वर्षा (एक काव्य संग्रह)से/ राकेश चौरसिया”अंक”