Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2024 · 1 min read

हम अकेले अनमने से हो गये…..!!

हम अकेले अनमने से हो गये
धुंध में सब ख़्वाब जैसे खो गये
बोलियाँ जब लग रहीं थीं हुस्न की
देख मंजर आशिकी का रो गये
नींद में सब सो रहे थे मस्त से
बीज वो तब नफ़रतों के बो गये
रात कैसी बावली सी लग रही
तान चादर मौत की हम सो गये
कर रहे थे बात ऊँची कल वही
रेत बनकर इस जहां से वो गये
ऐ “परिंदे” देख कर तू उड़ जरा
अब तो’ अपने देख कातिल हो गये…!!

📝पंकज शर्मा “परिंदा”

Language: Hindi
9 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चाल चलें अब मित्र से,
चाल चलें अब मित्र से,
sushil sarna
सडा फल
सडा फल
Karuna Goswami
हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से
हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से
Vedha Singh
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
Neelam Sharma
"सृजन"
Dr. Kishan tandon kranti
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
मजबूर हूँ यह रस्म निभा नहीं पाऊंगा
मजबूर हूँ यह रस्म निभा नहीं पाऊंगा
gurudeenverma198
पोता-पोती बेटे-बहुएँ,आते हैं तो उत्सव है (हिंदी गजल/गीतिका)
पोता-पोती बेटे-बहुएँ,आते हैं तो उत्सव है (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे
मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बुढ़ापा भी गजब हैं
बुढ़ापा भी गजब हैं
Umender kumar
..#कल मैने एक किताब पढ़ी
..#कल मैने एक किताब पढ़ी
Vishal Prajapati
ज़िन्दगी दर्द का
ज़िन्दगी दर्द का
Dr fauzia Naseem shad
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
Manoj Mahato
स्टेटस
स्टेटस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
कुछ पाने की कोशिश में
कुछ पाने की कोशिश में
Surinder blackpen
24/494.💐 *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका* 💐
24/494.💐 *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अधूरी
अधूरी
Naushaba Suriya
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मूरत
मूरत
कविता झा ‘गीत’
हर रात रंगीन बसर करने का शौक़ है उसे,
हर रात रंगीन बसर करने का शौक़ है उसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हार का पहना हार
हार का पहना हार
Sandeep Pande
जिन्दगी तेरे लिये
जिन्दगी तेरे लिये
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
अलविदा नहीं
अलविदा नहीं
Pratibha Pandey
#आज_का_मत
#आज_का_मत
*प्रणय प्रभात*
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
हो गई है भोर
हो गई है भोर
surenderpal vaidya
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
Ranjeet kumar patre
Loading...