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11 Oct 2024 · 1 min read

हमेशा सब कुछ एक जैसा नहीं रहता ,

हमेशा सब कुछ एक जैसा नहीं रहता ,
कभी बाते ख़त्म हो जाती है ,
कभी भीड़ सन्नाटे में बदल जाती है ,
कभी लोग चले जाते है ,
कभी शोर को खामोशी घेर लेती है ,
वक्त चलता रहता है ,निरंतर
हर वक्त बदलता रहता है ,
एक दिन सब बदल जाता है ,
जो बचती है वो बस यादें होती है ,
एक दिन ये भी धुमिल हो जाती है ,
भूली बिसरी यादें बनने के लिए.

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