हमेशा सब कुछ एक जैसा नहीं रहता ,
हमेशा सब कुछ एक जैसा नहीं रहता ,
कभी बाते ख़त्म हो जाती है ,
कभी भीड़ सन्नाटे में बदल जाती है ,
कभी लोग चले जाते है ,
कभी शोर को खामोशी घेर लेती है ,
वक्त चलता रहता है ,निरंतर
हर वक्त बदलता रहता है ,
एक दिन सब बदल जाता है ,
जो बचती है वो बस यादें होती है ,
एक दिन ये भी धुमिल हो जाती है ,
भूली बिसरी यादें बनने के लिए.