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22 Mar 2024 · 1 min read

हमें लिखनी थी एक कविता

हमें लिखनी थी एक कविता
मगर हम लिख नहीं पाए…

तुम्हें कहनी थी कुछ बाते
जो कभी समय से तुम
सुन नहीं पाये …….
और हम भी कह नहीं पाये

मेरी प्यारी सी कविता
जो दिल में रहती है…..
सुनानी थी किसी सुबह
बैठ कर पेड़ों की छांव में
मगर ये हो नहीं पाया

चलो किसी दिन फुर्सत
मिली तो फिर से एक
नयी कविता रचेगे …
सुनाएंगे सभी को
और सब सुनेंगे एक दिन
मेरी कविता…मशहूर होगी
मेरे मरने के बाद भी ज़िन्दा रहेगी…….सुनो मेरी कविता!!!!!
.ShabinaZ

Language: Hindi
122 Views
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