हमें भी बदलना आता है ….
तुम बदल सकते हो मौसम की तरह,
तो हमें भी तो बदल जाना आता है ।
तुम्हारी नजरें नफरत के तीर छोड़ेंगी तो,
हमारी नज़रों को भी यह इल्म आता है ।
हमने तुम्हारे जज्बातों से इतफाक रखा था,
क्यों और किसलिए अब यह ख्याल आता है।
दिल उसे देना बेहतर है जो उसकी कद्र करे ,
वरना हरजाई को तो दिल तोड़ना ही आता है।
कदम यूं ही नहीं मिलते राह ए मुहोबत में हुजूर !
दूरियां तभी मिटती है जब साथ चलना आता है ।
कभी तुम्हारा नाम हमारी दुयाओ में शामिल था,
मगर चोट खाए दिल को आहें भरना भी आता है ।
सोचो !दर्द भरी आह निकली तो दूर तक जाएगी,
क्योंकि हमें भी खुदा को सदाएं देना आता है ।
हम तो जनाब! इंसान ऐसे थे जहां में सबसे नायाब,
मगर जब ठोकरें मिलें तो ईमान में बदलाव आता है।
लो ! अब हमने छोड़ दिया तुमसे रिश्ता ए उम्मीद ,
क्योंकि किनारा करना तो “अनु” को भी आता है।