हमें तो तन्हाई से मुहब्बत ही महफ़िलो भरा जहां देती है!
जिन्हे तन्हाई से डर लगता है उन्हें होगा शौक़ महफ़िलो का,
हमें तो तन्हाई से मुहब्बत ही महफ़िलो भरा जहां देती है!
वो कोई और थे जिन्होंने लिखीं था कहानियां
हमे तो दिल्लगी किस्सो की वजह देती है
खोया सा था वो रेगिस्तान में किसी बूँद सा
बड़ा भारी पड़ा ढूंढना जो हर रात जगा देती है
कितनी कोशिशें की किसी और के हम भी हो जाएं
उसका होने की ज़िन्दगी आज भी सज़ा देती है