हमें खतावार कह दिया है।
वफाओं का मेरी तुमने क्या खूब सिला दिया है।
बिना जानें ही तुमने हमें खतावार कह दिया है।।
अब तुम दो खुशी या दो हमको कितने भी गम।
हमनें तुम्हारी नफरतों से भी प्यार कर लिया है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
वफाओं का मेरी तुमने क्या खूब सिला दिया है।
बिना जानें ही तुमने हमें खतावार कह दिया है।।
अब तुम दो खुशी या दो हमको कितने भी गम।
हमनें तुम्हारी नफरतों से भी प्यार कर लिया है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️