हमारे शोक पर रोक ___ शेर
हमारे शोक पर रोक मत लगाइए।
हमें अपने तानों से मत सताइए।।
त्याग समर्पण लेकर चले हैं,
हम किसी पर नहीं जले हैं ।
सताया हो यदि तो अपना मत बताइए।।
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मानते हैं और जानते हैं जमाना अर्थ का है।
पर हमें लगता है तुम्हें मनाना व्यर्थ सा है।।
तुम करते हो मनमानी, हम सत्य के अनुगामी।
हमने चुना नहीं पथ कदापि अनर्थ का है।।
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राजेश व्यास अनुनय