हमारे शुभेक्षु पिता
जो करते मेहनत दिन-रात,
जो हमेशा करते ख्वाहिशें पूरी
अपने बच्चों की,
यही अदा अपने पिता की
लगती सभी बच्चों को प्यारी |
जो जुटे रहते हमेशा
दिन के धूप सहकर
और रात की नींद त्याग कर
ताकि मिल पाए हर खुशी उनके बच्चों को |
जो ले लेते हर दुखों को अपने ऊपर,
ना दुख की परछाई आने देते
अपने बच्चों पर,
वो करुणामई, वो प्रीतिपात्र
हमारे पिता हैं |
जो हम सबों के गलतियों पर
फटकार भी लगाए,
और जब राह भटक जाएँ
तब सही राह भी दिखाए,
वो पथ-प्रदर्शक
हमारे आदरणीय पिता हैं |
वो जो हमें हमेशा
नैतिक शिक्षा देते रहते,
हम में हमेशा सद्गुणों को भरते रहते
वो नैतिकतावादी, धर्मनिष्ठ
हमारे पहले शिक्षक
हमारे पूजनीय पिता हैं |