हमारे रक्षक
हम बेफिक्रे हुए सोते हैं,
अपने घरों मकानों में।
सैनिक गोली झेल रहे हैं,
बर्फीली चट्टानों में।।
प्यार मोहब्बत के किस्सों में,
जब हम खोए रहते हैं।
रक्त बहाकर भी वो अपना
फर्ज निभाते रहते हैं।।
भारत मां के उन वीरों की,
आंखों में एक सपना है।
हिंदू हो या मुस्लिम हो,
हर भारतवासी अपना है।।
दोनों ही के खातिर वो,
दुश्मन से टकरा जाते हैं।
भारत मां की गोदी में,
सीना ताने सो जाते हैं।।
सीना ताने सो जाते हैं।।
@करन केसरा