Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2021 · 1 min read

हमारे देश की कानूनी कार्रवाई/ प्र्रक्रिया

जब हमारे देश में बड़े से बड़ा अपराध घटित होता है।
तब प्रतिक्रिया बहुत होती है।
लोग और मिडिया बहुत जबरदस्त तरीके से उछालते हैं।
लोगों को इकट्ठा करते हैं , विरोध प्रर्दशन करते हैं।जब तक कानून अपना काम करता रहता है।उसके ऊपर विरोध प्रर्दशन का कोई असर नहीं होता है। बड़ी बड़ी कानूनी एजेंसी सब अपने अपने तरीके से काम करते रहते हैं। और आम जनता पर भी कोई असर नही होता है।नाटक बहुत होते रहते हैं। ऐसा लगता है कि भारत
की सौ प्रतिशत जनता जागरूक हो चुकी है। फिर कानूनी कार्रवाई की चाल इतनी धीमी गति से चलेगी,कि अंतिम सांस तक न्याय मिलना बड़ा मुश्किल होता है। और ज्यादा देर से न्याय मिलना भी अन्याय के समान है। फिर हमारे देश की कानून में बहुत सारी खामियां व्याप्त है। बहुत प्रकार से अनुसंधान होता है।की तरह से लोगों के वयान लिए जाते हैं।इस दौरान अपराधी को संभलने का मौका मिल जाता है। यही कानून सबसे बड़ी कमजोर कड़ी है। झूठ को सच और सच को झूठ में बदलने की कार्रवाई चलती रहती है। और कानून की कमजोरी का फायदा उठाकर अपराधी बच निकलता है

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 4 Comments · 328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
Rj Anand Prajapati
कुदरत और भाग्य......एक सच
कुदरत और भाग्य......एक सच
Neeraj Agarwal
A Picture Taken Long Ago!
A Picture Taken Long Ago!
R. H. SRIDEVI
💐प्रेम कौतुक-563💐
💐प्रेम कौतुक-563💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैंने खुद की सोच में
मैंने खुद की सोच में
Vaishaligoel
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
Minakshi
ना जाने क्यों ?
ना जाने क्यों ?
Ramswaroop Dinkar
छोटा परिवार( घनाक्षरी )
छोटा परिवार( घनाक्षरी )
Ravi Prakash
तेरे सांचे में ढलने लगी हूं।
तेरे सांचे में ढलने लगी हूं।
Seema gupta,Alwar
अपने  में वो मस्त हैं ,दूसरों की परवाह नहीं ,मित्रता में रहक
अपने में वो मस्त हैं ,दूसरों की परवाह नहीं ,मित्रता में रहक
DrLakshman Jha Parimal
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
Sukoon
चिड़िया बैठी सोच में, तिनका-तिनका जोड़।
चिड़िया बैठी सोच में, तिनका-तिनका जोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*** शुक्रगुजार हूँ ***
*** शुक्रगुजार हूँ ***
Chunnu Lal Gupta
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
Monika Verma
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
Shweta Soni
चींटी रानी
चींटी रानी
Manu Vashistha
अदब
अदब
Dr Parveen Thakur
3382⚘ *पूर्णिका* ⚘
3382⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
फ़ासले जब
फ़ासले जब
Dr fauzia Naseem shad
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
#एक_विचार
#एक_विचार
*प्रणय प्रभात*
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
Basant Bhagawan Roy
🚩🚩 कृतिकार का परिचय/
🚩🚩 कृतिकार का परिचय/ "पं बृजेश कुमार नायक" का परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak
यें लो पुस्तकें
यें लो पुस्तकें
Piyush Goel
जीवन जोशी कुमायूंनी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर
जीवन जोशी कुमायूंनी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कद्र माँ-बाप की जिसके आशियाने में नहीं
कद्र माँ-बाप की जिसके आशियाने में नहीं
VINOD CHAUHAN
इस तरह कुछ लोग हमसे
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
Anil Mishra Prahari
Loading...