“हमारे दर्द का मरहम अगर बनकर खड़ा होगा “हमारे दर्द का मरहम अगर बनकर खड़ा होगा हक़ीक़त में कहेंगे तब बड़ा हमसे ज़माना है” आर. एस. ‘प्रीतम’