हमारे त्यौहार
हमारे त्योहार
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हमारी संस्कृति सबको भाती,
खुशियों की त्योहार मनाती।
जनवरी का महीना,
खुशियों का गहना ।
मकर संक्रांति का आना,
स्नान कर तिल लड्डू खाना।
बसंत पंचमी की पूजा,
मां शारदे से कोई नहीं है दूजा।
फरवरी में बहुत बड़ा आरती,
महादेव भगवान की महाशिवरात्रि।
रंगो की टोली,मस्ती भरी यह होली।
मार्च की चैत्र नवरात्रि में खूब सजी,
देवी की पूजा अर्चना में भीड़ लगी।
जग्गनाथ भगवान की रथ यात्रा,
उड़ीसा में होती भीड़ की पदयात्रा।
बहन करती भाई का अभिनंदन,
प्रेम की डोरी में बांधे रक्षाबंधन।
सत्य की जीत अधर्म का हार,
यह होता दशहरा का त्यौहार।
चारो ओर खुशियों से जगमगाता,
पटाखे फोड़ दिवाली मनाता।
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रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बिलाईगढ़,बलौदाबाजार (छ.ग.)
8120587822