हमारी रूह ले गए हो।
जिन्दगी भर का चैन ओ सुकूं ले गए हो।
बेजान करके जिस्म से हमारी रूह ले गए हो।।1।।
तड़पता छोड़ कर दिल तोड़ कर गए हो।
नफरतों का इश्क तुम हमसे खूब कर गए हो।।2।।
हंसते मुस्कुराते थे हम हर वक्त सभी से।
छांव थी जिन्दगी हमारी तुम धूप कर गए हो।।3।।
यतीम समझकर सबने ही ठुकरा दिया।
तुम भी अपना बना कर हमसे दूर हो गए हो।।4।।
तुम्हारी इंसानियत पर ही हम फिदा थे।
दौलत पाके तुम भी खुदमें मगरुर हो गए हो।।5।।
दोनों ही साथ निकले थे तिज़ारत पर।
हम रह गए वहीं और तुम मशहूर हो गए हो।।6।।
हम वफ़ा करके भी बेवफ़ा कहलाए।
तुम कांटों जैसे चुभकर भी फूल बन गए हो।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ