*हमारी बेटियां*
हमारी बेटियां
हम भारत की नन्हीं कलियां,
हमसे महक रहा जग सारा।
अपने घर की शान हैं हम,
मात पिता की जान हैं हम
पूजा की दीपशिखाएं हम
चौखट की बंदनवार हैं हम।।
हम भारत की ….
शिक्षा का शस्त्र उठाया है
हर कला से जोड़ा नाता है
संस्कारों में पले बढ़े हैं
हर लक्ष्मण रेखा जानते हैं।।
हम भारत की….
माना कि तन कोमल है,
लेकिन मन भयभीत नहीं
अंतर की शक्ति अपार है,
गगन छूने को तैयार है।।
हम भारत की….
लक्ष्मीबाई की सखियां हैं हम,
उलझे ना कोई हमसे
अपना मान बचाने को,
कलियां बन सकती हैं ज्वाला।।
हम भारत की नन्हीं कलियां
हमसे महक रहा जग सारा।
आभा पाण्डेय